Monday, November 24, 2008

अजन्मी बच्ची के अपनी मां से प्रश्न

इक सुबह इक कली टूटी
और मेरे आंगन मे आ गिरी
रो रही थी बिलख रही थी
मुझको चीख पुकार सुनयी पडी
मै उसके समीप गया
उसको थोडा सहला दिया
फ़िर उससे कारण पुछा
उसने ना कुछ जवाब दिया
फ़िर अचानक वो बोली
कि मै इक अजन्मी बच्ची हूं
मेरी मां ने
कोख मे मेरा कत्ल किया
इक कली को
फ़ूल बनने से पहले मसल दिया
फ़िर उसने वो प्रश्न किये
आंखो मे आंसु मेरे ला दिये
और फ़िर वो अपनी मां से कुछ सवाल करती है उन,
सवालो ने मुझको अन्दर तक झकझोर कर रख दिया
वो कहती है
कि ए मां मां ए मां
मेरी क्या गलती थी
जो तुने कोख मे मुझे मिटा दिया
जन्म तो मुझको लेने देती
क्यो पहले ही मेरा बलिदान किया
ए मां
मैने तो तुझको इतना चाहा था
कि मै ना खेली कोख मे तेरी
शांत सब्र से बैठी रहती
कहीं तुझको दर्द ना हो
तेरे दर्द की खातिर सिमटी रहती
पर क्या अहसास तेरे सब मर गये थे
क्या तुझको ना दर्द हुआ
जब तुने मारा मुझको
क्या तेरे सीने मे ना तीर गडा
ए मां
मै भी तो झांसी की रानी बन सकती थी
इन्दिरा गांधी कल्पना चावला हो सकती थी
क्यो तुने मुझ पर ना विश्वास किया
नाम को तेरे रोशन करती
क्यो पहले ही गला तुने मेरा घोट दिया
ए मां
मै भी इस दुनिया मै आना चाहती थी
तेरी गोद मे सर रखकर सोना चाहती थी
तेरे स्नेह के सागर से
कतरा दो कतरा चाहती थी
पर क्यो तुने कोख को अपनी श्मशान किया
क्यों तुने मुझको कोख मे अपनी जला दिया
खैर कोई बात नही मां
तेरी भी कोई मजबूरी होगी
जिसने जननी को हैवान किया
अब तू जीना सुख चैन से
मैने अपना कत्ल तुझे माफ़ किया
(साभार - गौरव जैन, संभलपुर)
सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर
मोबाइल - 9431238161

Friday, November 21, 2008

बेटियाँ

ग़र्भ में अब मिटाई जाती है ।
भ्रूण हत्या कराई जाती है ॥
आज क्या हो गया ज़माने को ।
बोझ क्योंकर बताई जाती हैं ।।
जिसको रहमत कहा था ईश्वर की ।
अब वो जहमत बनाई जाती है ।।
बेटियाँ जब बहु बना करतीं ।
आग में क्यूँ कर जलाई जाती हैं ॥
जिसने बाबुल के घर को खुशियाँ दी ।
क्यों वो हरदम रुलाई जाती हैं ॥
जग में आने से रोकते हैं क्योंकर ।
जब की लक्ष्मी बताई जाती है ।।
कम से कम इतना तो समझो लोगों ।
क्यूँ ये संख्या घटाई जाती है ।।
इसके होने से ही हम सब होंगे ।
ये समझ क्यों न पाई जाती है ॥
आओ सब मिलके प्रण करें ।
बात हर घर सुनायी जाती है ॥

सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर

Monday, November 17, 2008

जागो माँ जागो

जीवन सतत परिवर्तनीय है, हमारे विचार, प्राथमिकतायें, जीवन मूल्य, मान्यताएं, धारणा या आस्था सब कुछ बदलते हैं, फ़िर हमारे कार्यक्रम क्यों हमेशा एक रहे। इसमे ठहराव नही आना चाहिए, धन्यवाद है हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल के.जाजोदिया जी को जिन्होंने कुछ नया विचार दिया, कुछ सामायिक करने का मौका दिया ।
यहाँ मेरा तात्पर्य था हमारे " जागो माँ जागो " कार्यक्रम से जो की " बेटी नही तो बहु कहाँ से लाओगे " के नारे के साथ पिछले वर्षों से जाडी है, इस दिशा में मारवाडी युवा मंच परिवार ने काफी कार्य किया है, फ़िर चाहे इस दिशा में जनजागरण के लिए किया गया पोस्टर प्रचार हो (हमारे इस कार्यक्रम के पोस्टर योग गुरु बाबा रामदेव, प्रख्यात राम कथा वाचक मोरारी बापू, फ़िल्म अभिनेत्री पूनम ढिल्लों और महिला नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज सहित कई हस्तियों ने इन पोस्टरों का लोकार्पण किया है और सार्वजनिक मंचों से इस हेतु आह्वान किया है), हस्ताक्षर अभियान हो (अब तक लाखों शपथ पत्र पर हस्ताक्षर हो चुका है), विचार गोष्ठीयां हो या फ़िर अन्य कोई पहल हो, मंच की सभी शाखाएं एक जुट होकर इस दिशा में कार्यरत हैं । इस दिशा में इन्टरनेट पर भी प्रयास किया जा रहा है और शपथ पत्र भरवाए जा रहे हैं; देखें लिंक -
http://www.orkut.co.in/Main#Community.aspx?cmm=52520550

इस कार्यक्रम में सहयोग हेतु आपसे भी कुछ अपेक्षा की जाती है -

  1. इस कार्यक्रम से हमारे समाज और मंच को कितना फायदा मिला हैं ?
  2. इस कार्यक्रम के द्वारा हम इस सामाजिक बुराई के ऊपर कितना प्रहार कर पा रहे हैं ?
  3. हमें और कौन से तरीके से इस पर प्रहार कर सकते हैं ?

आपके विचार सादर आमंत्रित हैं:-

यहाँ भी इस सन्दर्भ का शपथ पत्र प्रस्तुत है, और आपसे अनुरोध है की सिर्फ़ उसे कॉपी और पेस्ट करके निचे अपना नाम भरते हुए पोस्ट करें ।

मैं ईश्वर की शपथ लेकर कहता / कहती हूँ की, मैं भ्रूण हत्या (अनैतिक गर्भपात, foetus killing) में प्रत्यक्ष या परोक्ष (direct or indirect) रूप से शामिल नहीं रहूँगा / रहूंगी, और यथासंभव कन्या भ्रूण संरक्षण (saving girl foetus) का प्रयास करूंगा / करूंगी।

I swear in the name of God, not to indulge myself in sex determination of the Foetus nor to ever abort any foetus for the reason that she is a female. I further swear that if any such incidence come to my knowledge, I shall object to it and try my best to stop it .

Sd/-

-सुमित चमडिया, मुजफ्फरपुर
मोबाइल - 9431238161

Tuesday, July 15, 2008

Every year 500000 baby girls are killed in India even before they step into this word. Dear friends, we can help save the innocent souls by changing the mindset within our families and help others also think positively.All those who have respect for their mothers, sisters and mankind do join this community and put your best efforts in bringing this positive change by saving the girlchild.

To undersign the affidevit:-

1. Click on the link given below :-
http://www.orkut.com/CommMsgs.aspx cmm=52520550&tid=5210390118652468802&start=1

2. Copy the first contain.

3. Selct Reply and paste the contain followed by ur name, add.

4. Submit it
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3. Send to 567678or simply click the link given below http://www.smsgupshup.com/groups/SaveGirlChild